दुनिया के सामने नए युद्ध की चिंता उभर रही है। एक तो पहले से ही दुनिया यूक्रेन और रूस युद्ध के संघर्षों से जूझ रही है। ऐसे में एक बार फिर युद्ध की धमकी चीन की तरफ से ताइवान को दी जा रही है। दरअसल, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी चीन के विरोध को धता बताते हुए मंगलवार को ताइवान पहुंचीं। उनका कहना है कि मेर ये यात्रा मानवाधिकारों की रक्षा, अनुचित व्यापार परंपराओं का विरोध और सुरक्षा को लेकर है।
पेलोसी के मंगलवार की रात ताइपे के हवाईअड्डे पर उतरने के बाद चीन ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी और ताइवान पर हमला करने की धमकी दी। चीनी सेना ने 21 सैन्य विमानों से ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई। जिसके बाद चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने एशियाई महाद्वीप में युद्ध की नई आशंका पैदा कर दी है। चीन के विरोध को धता बताने के बाद ताइवान के दौरे पर अमेरिका की नैंसी पेलोसी पहुंचीं हुईं हैं।
अमेरिका को चीन की धमकी
चीन का दावा था कि अगर पलोसी ताइवान का दौरा करती हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। चीन ने साफ मांग की थी कि बाइडेन प्रशासन उन्हें घर वापस बुला ले। और तो और चीन ने ताइवान सीमा के पास सैन्य कर्मियों को भी तैनात किया है। ऐसे में जहां अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइपे की आधिकारिक यात्रा के दौरान ताइवान की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए अपने देश के समर्थन पर जोर दिया, जिसका चीन ने विरोध किया।
आखिर चीन को हुआ क्या है?
चीन पिछले 25 सालों से ताइवान पर अपना दावा करता रहा है। इसे लेकर अमेरिका और चीन के बीच विवाद भी चल रहा है। चीन का दावा है कि ताइवान हमारे देश का हिस्सा है और अगर जरूरत पड़ी तो हम इसे पहले भी जबरदस्ती अपने देश में मिला लेंगे। चीन ताइवान के मुद्दे पर किसी तरह का विदेशी दखल नहीं चाहता है। उसकी कोशिश रहती है कि कोई भी देश ऐसा कुछ नहीं करे जिससे ताइवान को अलग पहचान मिले। यही, वजह है पेलोसी के ताइवान पहुंचने पर चीन ने कहा कि अमेरिका ने ‘वन चाइना पॉलिसी’ का उल्लंघन किया है।
ताइवान के साथ खड़ा है अमेरिका: पेलोसी
पेलोसी ने 43 साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ताइवान के लिए की गई प्रतिबद्धता को याद किया जब तत्कालीन सरकार ने “हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा” किया था। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान के साथ वाशिंगटन की “बढ़ती” साझेदारी को तौला है क्योंकि चीन से सैन्य खतरे बढ़ रहे हैं। पेलोसी बीजिंग के साथ बढ़ते तनाव के बीच ताइवान के “लचीलेपन” के लिए उसकी प्रशंसा करने के लिए बुधवार को ताइवान की संसद पहुंची।
उन्होंने कहा कि ”हम चाहते हैं कि ताइवान को हमेशा सुरक्षा के साथ आज़ादी मिले और हम इससे पीछे नहीं हट रहे हैं।” पेलोसी 25 से अधिक वर्षों से ताइवान का दौरा करने वाले सर्वोच्च अमेरिकी निर्वाचित अधिकारी हैं। जो अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष भी हैं। नैन्सी पेलोसी मंगलवार को ताइवान पहुंचीं हैं। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के एक बयान के अनुसार, उनकी आधिकारिक यात्रा में सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान शामिल हैं, जो आपसी सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन पर ध्यान केंद्रित करती है।