पूर्वी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आमिर लियाकत के शव को पोस्टमार्टम के लिए निकालने का आदेश दिया। हुसैन के बेटे और बेटी ने आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है। अंतिम संस्कार कल सुबह (23 जून) होने वाला है।
मशहूर टेलीवेंजेलिस्ट आमिर लियाकत हुसैन के परिवार ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए निकालने के आदेश के खिलाफ सिंध उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
हालांकि, पूर्वी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शनिवार को शव परीक्षण की मांग वाली एक याचिका को मंजूरी दे दी थी। पर अब उनके अंतिम संस्कार के लिए आए हुसैन के परिवार के सदस्यों ने एसएचसी में मजिस्ट्रेट के आदेशों को चुनौती देने का फैसला किया है।
आमिर लियाकत हुसैन के बेटे और बेटी द्वारा दायर याचिका पर आज दो सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। जबकि इससे पहले सिंध स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कल सुबह (23 जून) को उनकी बॉडी कब्र से निकाली जाएगी। पोस्टमार्टम के लिए 6 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। पुलिस सर्जन डॉ सुमैया सैयद बोर्ड की अध्यक्षता करेंगे।
आमिर लियाकत हुसैन की पहली पत्नी, डॉ बुशरा इकबाल उनकी मृत्यु के बाद से पोस्टमॉर्टम का विरोध कर रही हैं। आदेश का जवाब देते हुए बुशरा ने हुसैन का पोस्टमार्टम करने को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने आमिर के फैंस से भी शव परीक्षण के विरोध में मुखर होने का आग्रह किया है क्योंकि यह “मृत लोगों के लिए एक दर्दनाक प्रक्रिया है और इस्लाम इसकी अनुमति नहीं देता है”।
उनके नौकर जावेद के मुताबिक, आमिर नौ जून को शहर के खुदादद कॉलोनी स्थित अपने घर में बेहोशी की हालत में मिले थे। 50 वर्षीय आमिर को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु मीडिया उद्योग के लिए एक सदमे के रूप में आई और लोगों ने सोशल मीडिया ट्रोल्स पर गुस्सा निकाला। इस बीच न्यायिक मजिस्ट्रेट नौकार अब्बास की अनुमति के बाद ही पीटीआई विधायक के शव को उनके परिवार को दफनाने के लिए सौंप दिया गया।
इधर,जब पुलिस मौत के कारण का पता लगाने के लिए शव परीक्षण करने पर जोर दे रही थी, हुसैन के परिवार के सदस्य, जो केवल उनके अंतिम संस्कार के लिए आए थे, उन्होंने जोर देकर कहा कि पोस्टमॉर्टम से अंतिम संस्कार में देरी होगी।
बहरहाल, दिवंगत आमिर के बेटे ने पार्थिव शरीर ग्रहण किया और चिप्पा ने अंतिम संस्कार किया। हुसैन को क्लिफ्टन में अब्दुल्ला शाह गाजी दरगाह के परिसर में एक कब्रिस्तान में दफनाया गया था। लेकिन अब उनके शव को कब्र से बाहर निकाले जाने पर अंतर्विरोध दिख रहा है। आरोप भी लग रहे हैं कि शायद उनकी हत्या जायदाद को लेकर की गई हो?