जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं। ये सच कर दिखाया है गोल्डन गर्ल निखत जरीन ने। जब इंस्तांबुल में लहराया तिरंगा तो निखत की आंखें डबडबा गईं। भारत की होनहार बेटी निखत ज़रीन ने इस्तांबुल में तिरंगा लहराया और महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। भारत को नाज का एहसास कराती निखत बेहद खुश हैं और बेहद रोमांचित भी।
महज 25 साल में विश्व चैंपियन का खिताब जीतने वालीं निखत ने जीतने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि “पहले मुझे बताओ, क्या मैं ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हूं? (हंसते हुए) आप जानते हैं, ये मेरा एक सपना था, ट्विटर पर ट्रेंड करना और अगर मैं हूं तो मैं वास्तव में खुश हूं।
“इस्तांबुल में फ्लाईवेट 52 किलोग्राम फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास को 5-0 से हराकर महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप जीतने के बाद जरीन की ये पहली प्रतिक्रिया काफी थी। ये जताने और बताने के लिए कि निखत के इरादे नेक और बुलंद हैं। निखत विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पांचवें भारतीय हैं।
तेलंगाना की रहने वाली निखत का ये पहला विश्व चैंपियनशिप पदक है और साल का उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने हाल ही में बीती फरवरी में स्ट्रैंड्जा मेमोरियल खिताब जीता था। निखत को लगता है कि ये ओलंपिक पदक के उनके सपने की ओर एक कदम है।
उन्होंने कहा कि “मैं खुश हूं और वास्तव में भावुक हूं कि मैंने अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। मैं अब ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगी।” जरीन ने चार साल में भारत को अपना पहला स्वर्ण दिलाया, जिसमें मैरी कॉम ने 2018 में आखिरी जीत हासिल की।
फाइनल के बारे में बात करते हुए कहा कि, “मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थी और सर्वसम्मत निर्णय से जीतना चाहती थी। इस बीच, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर जरीन को उनकी जीत पर बधाई दी। लिखा-“हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है! महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में शानदार स्वर्ण पदक जीतने के लिए @nikhat_zareen को बधाई। मैं मनीषा मौन और परवीन हुड्डा को भी इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक के लिए बधाई देता हूं।
दूसरी ओर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने उनकी सराहना की और कहा, “सीएम ने कहा कि यह गर्व का क्षण था क्योंकि तेलंगाना के निजामाबाद जिले के रहने वाले निकहत विश्व मुक्केबाजी चैंपियन के रूप में खड़े थे। सरकार सभी पहलुओं में खिलाड़ियों को प्रेरित कर रही है और राज्य में युवा मेधावी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए गांवों में ग्रामीण खेल केंद्र स्थापित करने के उपाय कर रही है।