नंदिनी भारद्वाज
सीनियर कंटेट राइटर R9News
महाराष्ट्र में बड़े सियासी उठापटक के संकेत मिल रहे हैं। इस उठापटक को ना तो पवार की पावरफुल पॉलिटिक्स बचा पा रही है और ना ही शिवसेना की शक्ति! ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ताजा हालात बयां कर रहे हैं। खबरनवीसों की मानें तो आरपीआई,बीजेपी और एकनाथ शिंदे मिलकर महाराष्ट्र की नई सरकार बना सकते हैं।
महाराष्ट्र के ताजा सियासी हालात का जिक्र करें तो BJP जल्दबाजी के मूड में नहीं है, लेकिन शिवसेना कहीं कोई गलती ना कर दे, इस पर खासा फोकस देखा जा रहा है। क्योंकि, एक तरफ जहां उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। तो वहीं सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर ये भी है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो पार्टी नेताओं, विधायकों से बात के बाद इस्तीफे की संभावना है। महाराष्ट्र विधानसभा में अभी 287 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का जरूरी आंकड़ा 144 का है। लिहाजा, सरकार गिराने और बचाने के लिए घमासान तगड़ा चल रहा है। महाराष्ट्र से अपडेट खबर यही आ रही हैं कि शायद दोपहर बाद शिवसेना द्वारा विधानसभा भंग की सिफारिश की जा सकती है।
माना जा रहा है कि शिवसेना के छत्रप नेता एकनाथ शिंदे के पास 40 विधायकों की ताकत है। अगर वो अपना हाथ खींचते हैं तो ये दूसरी बार होगा, जब महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा। अक्टूबर 2019 का वो दौर, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के लंबे समय तक मुख्यमंत्री का चयन नहीं हो पाया था। तब भी महाराष्ट्र में केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगाया था। इसके बाद एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडनवीस सुबह 5 बजे सीएम पद की शपथ लेते नजर आए थे।
हालांकि बहुमत साबित नहीं हुआ तो इस्तीफा देना पड़ गया। लेकिन अब बड़ी खबर ये भी है कि शिवसेना के अधिकांश विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के बीजेपी का समर्थन करने की संभावना है। कुल मिलाकर देखा जाए तो महाराष्ट्र के इस सियासी तामझाम के बीच कोविड की एंट्री भी हो गई है।
अब सीएम उद्धव ठाकरे के कोविड 19 पॉजिटिव होने की खबर है। ऐसे में अगर उनके साथ 23 विधायक हैं तो संक्रमण की जद में वो भी आ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो उन्हें अभी आगे का वक्त मिल सकता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अल्पमत में अगर उद्धव सरकार आती है को कोरोना के चलते उन्हें कम से कम 10 दिन का वक्त और मिल सकता है। ये वक्त विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए होगा।